राजस्थान, जिसे महलों और किलों की भूमि कहा जाता है, न केवल ऐतिहासिक धरोहरों के लिए प्रसिद्ध है बल्कि वन्यजीव प्रेमियों के लिए भी किसी स्वर्ग से कम नहीं है। यहाँ कई अद्भुत वन्यजीव अभ्यारण्य और राष्ट्रीय उद्यान हैं जो आपको प्रकृति के करीब लाते
हैं। आइए जानते हैं राजस्थान के कुछ बेहतरीन वन्यजीव पार्कों के बारे में:
1. रणथंभौर राष्ट्रीय उद्यान
स्थान: सवाई माधोपुर
रणथंभौर भारत के सबसे प्रसिद्ध राष्ट्रीय उद्यानों में से एक है और बाघों के लिए जाना जाता है। यहाँ आप बाघों को उनके प्राकृतिक आवास में देख सकते हैं। इसके अलावा, यहाँ तेंदुए, हिरण, नीलगाय और कई पक्षी प्रजातियाँ भी पाई जाती हैं। इस पार्क की सफारी यात्रा रोमांचक
होती है और बाघों की गतिविधियाँ देखने का मौका मिलना एक अद्भुत अनुभव है।
"जयपुर-रणथंभौर यात्रा में शाही महलों की भव्यता और वन्यजीव सफारी का रोमांच एक साथ अनुभव करें, जहाँ आप गुलाबी शहर के ऐतिहासिक धरोहरों के
साथ रणथंभौर के जंगलों में बाघों की रोमांचक सफारी का आनंद ले सकते हैं।"
2. सरिस्का राष्ट्रीय उद्यान
स्थान: अलवर
अरावली की पहाड़ियों में स्थित सरिस्का राष्ट्रीय उद्यान बाघ पुनर्वास परियोजना के तहत काफी लोकप्रिय हुआ है। यहाँ बाघों के साथ-साथ तेंदुआ, चीतल, सांभर, और कई पक्षी प्रजातियाँ भी देखने को मिलती हैं। सरिस्का का इतिहास भी समृद्ध है और यहाँ सरिस्का किला और पांडुपोल
जैसे ऐतिहासिक स्थल भी मौजूद हैं।
3. केवलादेव घाना राष्ट्रीय उद्यान
स्थान: भरतपुर
केवलादेव घाना राष्ट्रीय उद्यान, जिसे भरतपुर पक्षी अभयारण्य के नाम से भी जाना जाता है, विश्व धरोहर स्थल है। यह पक्षी प्रेमियों के लिए स्वर्ग के समान है। यहाँ प्रवासी पक्षियों की 370 से अधिक प्रजातियाँ पाई जाती हैं, जिनमें साइबेरियन क्रेन और पेलिकन मुख्य आकर्षण
हैं। सर्दियों के मौसम में यहाँ की सुंदरता और भी बढ़ जाती है।
4. कुंभलगढ़ वन्यजीव अभयारण्य
स्थान: राजसमंद
कुंभलगढ़ का किला जितना प्रसिद्ध है, उतना ही कुंभलगढ़ वन्यजीव अभयारण्य भी। यह अभयारण्य अरावली की पहाड़ियों के बीच स्थित है और यहाँ तेंदुआ, भालू, भेड़िया, और हिरण जैसी वन्यजीव प्रजातियाँ देखने को मिलती हैं। जंगल सफारी का अनुभव यहाँ अद्वितीय है, और किले के आसपास
का क्षेत्र भी बेहद खूबसूरत है।
5. माउंट आबू वन्यजीव अभयारण्य
स्थान: माउंट आबू
माउंट आबू राजस्थान का एकमात्र हिल स्टेशन है और यहाँ का वन्यजीव अभयारण्य बेहद खास है। यह अभयारण्य विभिन्न प्रजातियों के वन्यजीवों के साथ-साथ दुर्लभ पक्षियों का भी घर है। यहाँ आप स्लॉथ बियर, तेंदुआ, और जंगली सूअर जैसी प्रजातियाँ देख सकते हैं। इसके अलावा, यहाँ
का शांत वातावरण पर्यटकों को सुकून देता है।
6. देशनोक का कर्णी माता मंदिर (चूहों का मंदिर)
स्थान: बीकानेर
हालांकि यह एक पारंपरिक वन्यजीव अभ्यारण्य नहीं है, बीकानेर का यह मंदिर अपनी अनोखी वजह से प्रसिद्ध है। कर्णी माता मंदिर को 'चूहों का मंदिर' भी कहा जाता है क्योंकि यहाँ हजारों चूहे पाले जाते हैं और उनकी पूजा की जाती है। यह धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व का स्थान
है और एक अनूठा अनुभव प्रदान करता है।
7. टाल छापर अभयारण्य
स्थान: चूरू
टाल छापर अभयारण्य काले हिरणों के लिए प्रसिद्ध है और इसका मैदान एक सुंदर परिदृश्य प्रस्तुत करता है। यहाँ विभिन्न प्रकार की प्रवासी पक्षी प्रजातियाँ भी पाई जाती हैं, जो इसे पक्षी प्रेमियों के लिए एक अद्भुत स्थान बनाती हैं।
निष्कर्ष:
राजस्थान केवल किलों और महलों की भूमि नहीं है, बल्कि यह वन्यजीव प्रेमियों के लिए भी एक स्वर्ग है। यहाँ के राष्ट्रीय उद्यान और अभ्यारण्य आपको वन्यजीवों और प्रकृति के करीब
लाते हैं। यदि आप रोमांच, शांति और अद्भुत वन्यजीव अनुभव की तलाश में हैं, तो राजस्थान के ये वन्यजीव पार्क आपकी यात्रा को अविस्मरणीय बना देंगे।